Wednesday, October 25, 2023

क्या सभी फ़िलिस्तीनी आतंकवादी है!!


यह बात है शनिवार यानी 7 अक्टूबर 2023 हमास (आतंकवादी संगठन) इजराइल पर हमला किया , जिसमें लगभग  1400 लोगों की मौत और 200 लोग अगवा किये गए। यह हमला इतनी खुफिया तरीके से किया गया कि सिर्फ 20 मिनट में ही 5000 रॉकेट की बमबारी की गई यहां तक कि इजरायल की खुफिया एजेंसी mossad (टॉप 10 में से एक है) ने भी इसका पता नहीं लगा पयी |


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31.1  इजराइल फिलिस्तीन विवाद:


विवाद: यह यरुशलम के प्रतीक और भूमि को लेकर सदियों पुराने संघर्ष से जुड़ा है।

वर्ष 1948 के पहले अरब-इज़रायल युद्ध में इज़रायल ने शहर के पश्चिमी आधे हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया, और जॉर्डन ने पूर्वी हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया, जिस पर बाद में इज़रायल ने कब्जा कर लिया।

तब से इज़रायल ने पूर्वी यरुशलम में बस्तियों का विस्तार किया है।

फिलिस्तीनी पूर्वी यरुशलम को राजधानी बनाना चाहते हैं।

इज़रायल पूरे शहर को अपनी "एकीकृत, शाश्वत राजधानी" के रूप में देखता है, जबकि फिलिस्तीनी नेतृत्व इस संबंध में किसी भी समझौते से इनकार करता है जब तक कि पूर्वी यरुशलम को भविष्य के फिलिस्तीनी राज्य की राजधानी के रूप में मान्यता नहीं दी जाती है।

फिलिस्तीनियों को पूर्वी यरुशलम के पास स्थित शेख जर्राह से बेदखल होने के खतरे का सामना करना पड़ रहा है।

हाल ही में इज़रायली सशस्त्र बलों ने यरुशलम में ज़ायोनी राष्ट्रवादियों द्वारा वर्ष 1967 में शहर के पूर्वी हिस्से पर इज़रायल के कब्ज़ेको स्मरण करते हुए निकाले जाने वाले मार्च से पहले यरुशलम के हरम अस-शरीफ में अल-अक्सा मस्जिद पर हमला कर दियागया।

अल अक्सा मस्जिद मक्का और मदीना के बाद इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र धर्मस्थल है।

इसने पूरे क्षेत्र में इस्लाम के अनुयायियों में भय पैदा कर दिया और कट्टरपंथियों ने अल अक्सा मस्जिद की रक्षा हेतु आह्वान करना शुरू कर दिया।

वर्ष 2021 की शुरुआत में पूर्वी यरुशलम के केंद्रीय न्यायालय ने यहूदी एजेंसियों  के पक्ष में अपने निर्णय को बरकरार रखा,  जिसमें न्यायालय ने चार फिलिस्तीनी परिवारों को शेख जर्राह से बेदखल होने के पक्ष में निर्णय दिया था।

यह समस्या अभी भी अनसुलझी है जो गंभीर बनी हुई है।

हिंसा का वर्तमान स्वरुप वर्ष 2014 के बाद से सबसे गंभीर है जिसमें फिलिस्तीनियों द्वारा रॉकेट-फायरिंग और जवाबी कार्रवाई में इज़रायलियों द्वारा किये गए हवाई हमले शामिल हैं।

  

31.2 इजराइल का जवाब : 


जैसा कि हम सभी जानते हैं कि इज़राइल ने फिलिस्तीनी द्वारा अचानक किए गए हमले के खिलाफ प्रतिक्रिया दी थी। उग्रवादी समूह हमास ने शनिवार सुबह तड़के गाजा पट्टी पर सोमवार को हवाई हमले किए। इज़रायली मंत्रियों ने पहले से ही अवरुद्ध और वंचित गाजा पट्टी पर "पूर्ण घेराबंदी" की घोषणा की है, जिससे इसके दो लाख निवासियों को भोजन, पानी और बिजली की आपूर्ति से वंचित कर दिया गया है। 18 अक्टूबर 2023:  गाजा के अस्पताल पर रॉकेट से हमला हुआ है और अब तक वहां 900 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. मरने वालों की संख्या अभी भी गिन रही है. तो, इज़राइल हमास युद्ध के कारण इज़राइल में 1228 से अधिक लोग मारे गए हैं और 3,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। गाजा (फिलिस्तीन) में अब तक 2300 से अधिक लोग मारे गए हैं और गाजा में फिलिस्तीन इज़राइल युद्ध में अब तक 10583 लोग घायल हुए हैं। फ़िलिस्तीन और इज़राइल में संयुक्त रूप से मरने वालों की संख्या 4000 से अधिक हो गई है। इन आंकड़ों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है|


31.3 इज़राइल बनाम फ़िलिस्तीन संघर्ष :आम फिलिस्तीन के लोग.....


अब हम आते हैं अपने सामयिक पर 

हमास एक आतंकवादी संगठन है जिसने इजरायल पर हमला किया था लेकिन उसके बदले में इजरायल ने आम नागरिक को भी आतंकवादी  मान लिया गया है इज़राइल के प्रधान मंत्री  नितिनयाहू हिंदी एक ट्वीट में लिखा था  "की कैसे इतने बड़े हमले की साजिश हमास गाजा में कर रहा था और वहां के वहां के आम नागरिकों को इसकी खबर नहीं थी यदि उनसे कोई सवाल पूछे की इजरायल की खुफिया एजेंसी जब इस बात का नहीं पता लगा पाई तो वहां के आम नागरिक से क्या उम्मीद रखेंगे आप ,हमास एक आतंकवादी संगठन है गाजा और फिलीस्तीन नहींl

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने कहा कि कि इसराइली सेना ने उत्तरी गाजा जहां लगभग 10 लाख से भी ज्यादा लोग रहते हैं उनसे कह दिया कि 24 घंटे में उतरी गाजा  खाली कीजिएl क्या यह मुमकिन है! क्या यह आम नागरिक के अधिकार अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर रहा है! क्या क्या यह उनका शोषण नहीं है!

इसराइल और गजा के बीच में जो सीमा है उसेपर सफेद फास्फोरस, इसराइल अपने वायुयानों द्वारा फेंक रहा है, फैला रहा है, सफेद फास्फोरस जो वायु के  सीधा संपर्क में आने से जलने लगता है क्या यह नरसंहार और मानवता को छलनी करने जैसा नहीं है!!


31.4 फिलिस्तीन अस्पताल पर किसने किया आक्रमण !?


 इजरायल और हमास युद्ध में मंगलवार (17 अक्टूबर ) को गाजा पट्टी के अल-अहली अरब अस्पताल पर मिसाइल अटैक में करीब 500 लोगों की मौत हुई. इस घटना की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी चर्चा हो रही है. यह हमला इजरायल, हमास या फिर इस्लामिक जिहाद ने किसने किया, यह तो संयुक्त राष्ट्र संघ के युद्ध नियम के विपरीत है तो क्या यह जो हमला है यह युद्ध के नियम में भी नहीं है तो क्या संयुक्त राष्ट्र संघ इसराइल पर कार्यवाही करेगा यदि यह साबित हो गया कि यह हमला इसराइल ने किया है


इस हमले के संबंध में इजरायल झूठा!!

जब फलस्तीन अस्पताल पर हमला होता है तो इजरायल दावे पेश करता है कि यह हमला हमास द्वारा किया गया है लेकिन ब्रिटिश वैज्ञानिकों द्वारा शोध किया गया तो यह साबित हुआ कि यह हमला इजरायल की तरफ से है वैज्ञानिकों ने बताया कि मिसाइल  की दिशा तथा डॉपलर इफेक्ट के द्वारा यह मालूम होता है कि यह हमला इसराइल से ही हुआ हैl


31.5 संयुक्त राष्ट्र संघ की चुप्पी  और दुनिया भर की सरकार क्यों कर रही है इजराइल का सपोर्ट: 


हां हम बात कर रहे हैं अमेरिका वर्तमान में शासन करने वाले सरकार से जो प्रत्यक्ष रूप से इसराइल को सपोर्ट कर रहा है अमेरिका ही नहीं संयुक्त राष्ट्र संघ क्यों  चुप है इसराइल के इस अमानवीय कृत से l

जब संयुक्त राष्ट्र संघ में इस बात का प्रस्ताव रखा गया कि यह "युद्ध की समाप्ति" हो तो इस प्रस्ताव पर अमेरिका ने ठुकराते  हुए कहा की इसराइल को आत्म सुरक्षा का अधिकार  रखता है लेकिन वह कैसे भूल गया कि मानव अधिकार का हक आम फलस्तानी नागरिक भी रखते हैं!!

 मैं यहां एक फ़लीस्तीनी बच्चे  के द्वारा लिखी गई  कुछ लाइन सम्मिलित करना चाहूंगीl 

A phestinian child once said " we pray 6 times a day fajr ,zhur asr ,machrib, isha and janazah."

इसका मतलब है कि एक फलस्तानी बच्चा दिन में छह बार नमाज पढ़ता है और छठी नमाज वह  जनाजा के लिए पढ़ता है|


31.6 फलस्तीनी के लिए आवाज ,अन्य देशों के नागरिकों द्वारा..


लंदन की जनता : लंदन की जनता आम फलस्तीनों के लिए सड़कों पर उतरी यह वही जानता है जो रंग भेद के खिलाफ प्रदर्शन और शुरू से ही फलस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित करवाना चाहती हैl

नीर अविशाई कोहेन : इजरायली रक्षा बल के एक सैनिक ने एक किताब लिखी है जिसमें लिखा है 

" LOVE ISRAEL SUPPORT PALESTINE"

यानी कि इसराइल से मुहब्बत हैं  लेकिन मैं फिलिस्तीन का समर्थन करता हूंl

इनके द्वारा न्यूयॉर्क टाइम्स में एक लेख लिखा है जिसमें एक छोटा सा अंश

"At the end , after all of the dead israelis and philistinians are buried, after we have finished washing away the rivers of blood, the people who share a home in this land will have to understand and that there is no other choice but to follow the path of peace. That is where true victory lies "

ग्लोबल सपोर्ट खो देगा इजरायल - ओबामा

बोस्टन यूएसए: यहां के लोग फलस्टीन नागरिक सुरक्षा शांति के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं लगभग 1000 लोगों ने फिलीस्तीन झंडा लेकर मार्च किया और गुहार कर रहे हैं की फलस्तीनों पर या शोषण बंद करो

  भारत: भारत सरकार ने अन्य देशों की तरह गाजा के लोगों के लिए 40 टन की सहायक सामग्री भेजी और प्रधानमंत्री मोदी जी ने ट्वीट किया कि 

" Spoke to the president of the Palestinian authority H.E Mahmoud abbas. Conveyed my condolences at the loss of civilians lives at the alahli hospital in gaza. We will continue to send humanitarian assistance for the Palestinians people.  Shared and deeply concerned at the terrorism violence and deteriorating security situation in the region, Reiterated India's long standing principled position on the Israel - Palestine issue.

                -  The end -


हम आम नागरिक फिलिस्तीन के आम नागरिकों के लिए सुरक्षा एवं उनके अस्तित्व के बचाव के लिए चर्चा कर रहे हैं ना की हम हमास के लिए खड़े हैं हम भी आतंकवाद के खिलाफ हैं और इसकी अवहेलना करते हैं लेकिन फलस्तीन आम नागरिक निर्दोष है उसमें बच्चे औरतें जिनका इन सब में कोई हाथ नहीं हम संयुक्त राष्ट्र संघ से सवाल पूछते हैं कि फिलीस्तीन नागरिक के बजाय हम होते तो क्या कोई भी देश इसी प्रकार आक्रमण पर आक्रमण करता रहता!?

    # FREEDOM FOR PALESTINIANS



— Team Yuva Aaveg

(Deeksha Yadav)


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